shabd-logo

देश भक्त

14 मई 2015

223 बार देखा गया 223
featured imageहमारे स्वतंत्रता सेनानी एकखूबसूरत खुशबूदार गुलदस्ते की तरह है कुछ फूल मुरझा कर ख़त्म हो गए कुछ हँसते हँसते ख़त्म हो गए और जो गिने चुने बचें हैं वो हम जैसे लापरवाह एहसान फरामोश लोगों की वजह से गुमनाम जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं एक बार सिर्फ याद करें.जिनकी वजह से हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं और वो ढंग से सांस भी नहीं ले पाए बटुकेश्वर दत्त भगत सिंह के सहयोगी.. बटुकेश्वर दत्त को कोई सम्मान नहीं दिया गया स्वाधीनता के बाद. निर्धनता की ज़िंदगी बिताई उन्होंने. पटना की सड़कों पर सिगरेट की डीलरशिप और टूरिस्ट गाइड का काम करके बटुकेश्वर ने जीवन यापन किया.. पूरी जीवनी के लिए..click on this link..: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2010/12/101230_batukeswar_book_skj.shtml
1

धर्म..!!

22 अप्रैल 2015
0
0
0

आज हम इतनी ऊंचाइयों पर पहुँच कर भी मनुष्य को जाति और धर्म के आधार पर देखते परखते है ऐसा नहीं की इनके विरोध में स्वर मुखरित करना उचित हैलेकिन धर्म की पवित्रता को जिस तरह संकीर्णता से देखा जाता है वह अनुचित है हर धर्म में प्रेम और दयाको सर्वोत्तम और हिंसा और नफरत को निकृष्ट माना जाता है। यदि सब धर्

2

देश भक्त

14 मई 2015
0
0
0

हमारे स्वतंत्रता सेनानी एकखूबसूरत खुशबूदार गुलदस्ते की तरह है कुछ फूल मुरझा कर ख़त्म हो गए कुछ हँसते हँसते ख़त्म हो गए और जो गिने चुने बचें हैं वो हम जैसे लापरवाह एहसान फरामोश लोगों की वजह से गुमनाम जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं एक बार सिर्फ याद करें.जिनकी वजह से हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं औ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए