ऐसा सच जिसे जान कर भी हम उससे नजरे फेरे रहते है..उसको पाठको के सामने लाना मेरा एक मात्र उद्देश है..
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हमारे स्वतंत्रता सेनानी एकखूबसूरत खुशबूदार गुलदस्ते की तरह है कुछ फूल मुरझा कर ख़त्म हो गए कुछ हँसते हँसते ख़त्म हो गए और जो गिने चुने बचें हैं वो हम जैसे लापरवाह एहसान फरामोश लोगों की वजह से गुमनाम जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं एक बार सिर्फ याद करें.जिनकी वजह से हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं औ
आज हम इतनी ऊंचाइयों पर पहुँच कर भी मनुष्य को जाति और धर्म के आधार पर देखते परखते है ऐसा नहीं की इनके विरोध में स्वर मुखरित करना उचित हैलेकिन धर्म की पवित्रता को जिस तरह संकीर्णता से देखा जाता है वह अनुचित है हर धर्म में प्रेम और दयाको सर्वोत्तम और हिंसा और नफरत को निकृष्ट माना जाता है। यदि सब धर्