सरस्वती बंदना
dijiविनहमाहे ज्ञान मातु सरस्वती , ज्ञान सबको दीजिये ! बुझ सके ना ज्योति जो, प्रकाश वही दीजिये!! प्रेम की तू वाणी मातु, वाणी ऐसी दीजिये! हो अथाह प्रेम जिसमे, वाणी वही दीजिये!!हे दयालु मातु मेरी, दया सबपे कीजिये!हो दया का भाव जिसमे, ह्रदय वही दीजिये!! विनय सुनके मातु