नाम : आलोक फोगाट
जन्म स्थान : मेहरौली (दिल्ली)
फ़ोन : 9953986953, 9958003160
दिल का टुकड़ा
आज शादी को 23 साल हो गए। याद आता है---शादी में पहली बार जब उससे परिचय हुआ ससुर जी ने बताया ये मेरे भाई, जो गांव में रहते हैं, उनका बेटा राहुल, हमारे साथ ही रहता है। राहुल गोरा सा प्यारा सा पांच साल का बच्चा, शर्मिला भी बहुत। धीरे-धीरे राहुल हमसे बहुत घुल-मिल गया। अपने सभी साले सालियों में वह बच्चा मुझे बहुत प्यारा लगा। उसे मुझसे इतना प्यार हो गया कि जब भी मैं ससुराल जाता, वह मुझ से जीजाजी कह कर लिपट जाता। मैं भी उसका विशेष ध्यान रखता , उसके लिए खिलोने, कपड़े या उसके मन की कोई वस्तु ले जाता था।
घर मे सब उसे पसंद करते। धीरे-धीरे वह बड़ा होने लगा। घर
के काम-काज, अपनी जिम्मेवारियां वह ब-खूबी निभाता। ससुरजी का
दायां हाथ था वह। फिर एक दिन उसके लिए एक ऊँचे घराने से रिश्ता आया । शादी भी ही
गई किन्तु शायद उसके ससुरजी को ये मध्यम परिवार न सुहाता था, सो
उन्होंने राहुल के कान भरकर मेरे ससुरजी व उनके भाई के बीच फूट पैदा कर दी राहुल
मेरे सास-ससुर को छोड़कर अपने माँ-बाप के पास चला गया। मैंने गले लगाकर, आंखों में
आंसू भरकर उसे लाख समझाया, किन्तु उसे समझ नहीं आया। उससे बिछड़कर सब टूट गए थे।
उससे भी जब रहा न गया तो एक
दिन फोन आया बोला जीजाजी मुझे पता है कि आप बहुत दुखी हो। आपने मुझे बहुत प्यार
दिया। पर मैं मजबूर था।
मैंने कहा सुन, "वक्त
तो सब ज़ख्म भर देगा। अभी ससुरजी को एक कुत्ता ले जाकर दे दिया है और उसका नाम
राहुल रख दिया है। उन्हें अटल विश्वास है कि वो हमेशा वफादारी ही करेगा। तू फिक्र
मत कर राहुल नाम के साथ नमकहराम नहीं जुड़ेगा।" इसके बाद राहुल का कभी फोन
नहीं आया, न ही
वह नज़र आया, किन्तु दिल के किसी कोने में अब भी उसकी यादें छिपी हुई हैं, जो
अश्रुओं के रूप में आती हैं।
आलोक
फोगाट