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खुद से ही बातें करती हूँ, खुद से चुप हो जाती हूँ, खुद से गाना गाती हूँ, खुद को ही सुनती हूँ, तनहा तनहा तन्हाई, जीवन में भर्ती जाती है, मेला जो चारो ओर है, बेमतलब होता जाता है तन्हाई होती जाती है गहन