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दोहा

7 सितम्बर 2021

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साजन आकरके गये , जस का तस यह गेह।

बिन  बरसे  बादल  गया , तपे  धरा  की देह।।

Shivansh Shukla

Shivansh Shukla

निशब्द हूँ आप जैसे महानभावो की रचना पढ कर अच्छा लगता है

7 सितम्बर 2021

Pratik Tiwari

Pratik Tiwari

7 सितम्बर 2021

इतने प्यार के लिए बहुत शुक्रिया यूं ही प्यार बना रहे

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शिक्षक

5 सितम्बर 2021
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<p>दूर बसे दिल में नजदीक दिखाय सुपंथ मिटा अंधियारी।</p> <p>दीजिए ज्ञान विज्ञान विशेष यही

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दोहा

6 सितम्बर 2021
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<p>नदिया के तट कब मिले , पास-पास पर दूर।</p> <p>ऐसे ही हम तुम रहे , मिलने &n

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दोहा

7 सितम्बर 2021
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<p>साजन आकरके गये , जस का तस यह गेह।</p> <p>बिन बरसे बादल गया , तपे धरा &nbs

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दोहा

8 सितम्बर 2021
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<p>कितनी भागमभाग है , कितनी ज्यादा दौड़।</p> <p>महानगर में देखिए , मची

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मुक्तक

9 सितम्बर 2021
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<p>करे यदि सूर्य ईर्ष्या तम तमाम करेगा &

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दोहा

10 सितम्बर 2021
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<p>निंदिया उस दिन से नहीं , आई मुझको हाय।</p> <p>छोड़ हाथ से हाथ जब , तुमने बोला बा

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दोहा

10 सितम्बर 2021
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<p>याद हमारी जो तुम्हें , आती होती काश।</p> <p>दिल में अपने पालते , मि

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दोहा

11 सितम्बर 2021
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<p>आगे लम्बी धूप है , पीछे छूटी छांव।</p> <p>चलने को मजबूर हैं , हम सब

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दोहा

12 सितम्बर 2021
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<p>नदी अकेली बह रही , पीछे छूटा गा

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दोहा

13 सितम्बर 2021
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<p>भादों तक सूखा गया , सावन रहा उदास।</p> <p>बुझ ना पाई रात में , इन अधरों की प्यास।।</p>

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मत्तगयन्द सवैया

16 सितम्बर 2021
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<div>वीर सपूत बढ़ाए खिलाए उठाए पुकारत मात सुमाता।</div><div>शक्ति रमी इतनी नर में तज स्वर्ग धरा

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दोहा

21 सितम्बर 2021
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<div><b><i>साजन आकरके गए , जस का तस यह गेह।</i></b></div><div><b><i>बिन बरसे बादल

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