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Pratik Tiwari की पुस्तकें

विरह काव्य

विरह काव्य

यह पुस्तक श्री कृष्ण जी द्वारा गोकुल छोड़कर मथुरा चले जाने पर गोपिकाएँ जो करती हैं , जो सोचती हैं और जो कहती हैं उन सब बातों का मेरे शब्दों में संकलन है।

निःशुल्क

विरह काव्य

विरह काव्य

यह पुस्तक श्री कृष्ण जी द्वारा गोकुल छोड़कर मथुरा चले जाने पर गोपिकाएँ जो करती हैं , जो सोचती हैं और जो कहती हैं उन सब बातों का मेरे शब्दों में संकलन है।

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"हिंद एकता"

"हिंद एकता"

हिंदुस्तान की एकता और वीर जवानों की गाथा का संकलन

निःशुल्क

"हिंद एकता"

"हिंद एकता"

हिंदुस्तान की एकता और वीर जवानों की गाथा का संकलन

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Pratik Tiwari के लेख

दोहा

2 जुलाई 2022
1
0

जानम तुमसे बिछड़ के, कटी न लम्बी रात।  आंसू  मेरे  हैं   गिरे  ,  तुम्हें  लगी  बरसात।।                   ---प्रतीक तिवारी

दोहा

10 अक्टूबर 2021
4
2

<p>निंदिया उस दिन से नहीं , आयी मुझको हाय।</p> <p>छोड़ हाथ से हाथ जब , तुमने

तांटक छंद

30 सितम्बर 2021
5
6

<p>देश किसी की मजबूरी का जिम्मेदार &nbsp

दोहा

29 सितम्बर 2021
3
4

<p>आंसू भी बहते रहे , लिपटी तन से रात।</p> <p>एक बार तुमने नहीं , सोचा करते बात।।</p>

घनाक्षरी छंद

28 सितम्बर 2021
3
8

<div><b><i>साथ-साथ घूमते थे , साथ-साथ झूमते थे ,</i></b></div><div><b><i>साथ-साथ कुंज-कुंज , म

दोहा

21 सितम्बर 2021
3
2

<div><b><i>साजन आकरके गए , जस का तस यह गेह।</i></b></div><div><b><i>बिन बरसे बादल

मत्तगयन्द सवैया

16 सितम्बर 2021
5
0

<div>वीर सपूत बढ़ाए खिलाए उठाए पुकारत मात सुमाता।</div><div>शक्ति रमी इतनी नर में तज स्वर्ग धरा

दोहा

13 सितम्बर 2021
10
4

<p>भादों तक सूखा गया , सावन रहा उदास।</p> <p>बुझ ना पाई रात में , इन अधरों की प्यास।।</p>

दोहा

12 सितम्बर 2021
6
0

<p>नदी अकेली बह रही , पीछे छूटा गा

दोहा

11 सितम्बर 2021
9
4

<p>आगे लम्बी धूप है , पीछे छूटी छांव।</p> <p>चलने को मजबूर हैं , हम सब

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