shabd-logo

दोहा

10 सितम्बर 2021

23 बार देखा गया 23

निंदिया उस दिन से नहीं , आई मुझको हाय।

छोड़  हाथ  से  हाथ जब , तुमने बोला बाय।।

--- प्रतीक तिवारी

1

शिक्षक

5 सितम्बर 2021
4
8
2

<p>दूर बसे दिल में नजदीक दिखाय सुपंथ मिटा अंधियारी।</p> <p>दीजिए ज्ञान विज्ञान विशेष यही

2

दोहा

6 सितम्बर 2021
4
14
6

<p>नदिया के तट कब मिले , पास-पास पर दूर।</p> <p>ऐसे ही हम तुम रहे , मिलने &n

3

दोहा

7 सितम्बर 2021
3
12
2

<p>साजन आकरके गये , जस का तस यह गेह।</p> <p>बिन बरसे बादल गया , तपे धरा &nbs

4

दोहा

8 सितम्बर 2021
4
15
6

<p>कितनी भागमभाग है , कितनी ज्यादा दौड़।</p> <p>महानगर में देखिए , मची

5

मुक्तक

9 सितम्बर 2021
6
12
4

<p>करे यदि सूर्य ईर्ष्या तम तमाम करेगा &

6

दोहा

10 सितम्बर 2021
4
10
0

<p>निंदिया उस दिन से नहीं , आई मुझको हाय।</p> <p>छोड़ हाथ से हाथ जब , तुमने बोला बा

7

दोहा

10 सितम्बर 2021
4
9
0

<p>याद हमारी जो तुम्हें , आती होती काश।</p> <p>दिल में अपने पालते , मि

8

दोहा

11 सितम्बर 2021
3
9
4

<p>आगे लम्बी धूप है , पीछे छूटी छांव।</p> <p>चलने को मजबूर हैं , हम सब

9

दोहा

12 सितम्बर 2021
1
6
0

<p>नदी अकेली बह रही , पीछे छूटा गा

10

दोहा

13 सितम्बर 2021
4
10
4

<p>भादों तक सूखा गया , सावन रहा उदास।</p> <p>बुझ ना पाई रात में , इन अधरों की प्यास।।</p>

11

मत्तगयन्द सवैया

16 सितम्बर 2021
2
5
0

<div>वीर सपूत बढ़ाए खिलाए उठाए पुकारत मात सुमाता।</div><div>शक्ति रमी इतनी नर में तज स्वर्ग धरा

12

दोहा

21 सितम्बर 2021
1
3
2

<div><b><i>साजन आकरके गए , जस का तस यह गेह।</i></b></div><div><b><i>बिन बरसे बादल

---

किताब पढ़िए