ऐ जिन्दगी तू अब ख्वाब दिखाना छोड़ दे
मौत, तू भी ठहर जा रूआब दिखाना छोड़ दे
क्या खोया क्या पाया दौर-ए-मोहब्बत में
दिल तू भी संभल जा, हिसाब दिखाना छोड़ दे
झूम रहा हूँ आज भी उनकी आंखों की याद में
मयखाने तू भी सुन ले, शराब दिखाना छोड़ दे
लहरों को हम दिल में लिए घुमते है
समंदर को बताओ, सैलाब दिखाना छोड़ दे
हमने दिल देख के दिल दिया है
कोई समझाओ उसे, ये शबाब दिखाना छोड़ दे
जान गए तेरी मोहब्बत के चेहरे को 'सनम'
अब झूठे प्यार का नकाब दिखाना छोड़ दे
अशोक