तुम बताओ कैसे भूल जाऊँ तुझे जिसने प्यार का अर्थ बताया मुझे //
यह अंबर यह बादल यह चमकते तारेजंगल में लगी है आग गगन इसे बुझा रे यह चिड़िया यह चेतक यह कोयल पुकारे इनकी दिल की बातों को दिल से लगा रे शब्दों के बाणों से मेरा लहू न बहा रे सपनों में सांझ को लोट आ रेमधुर और लघु तू गीत सुना रे है सीताराम इस गीत को गुन गुना रे तू मिलने झरने पर नदी के किनारे प्रेम की
यह अंबर यह बादल यह चमकते तारेजंगल में लगी है आग गगन इसे बुझा रे यह चिड़िया यह चेतक यह कोयल पुकारे इनकी दिल की बातों को दिल से लगा रे शब्दों के बाणों से मेरा लहू न बहा रे सपनों में सांझ को लोट आ रेमधुर और लघु तू गीत सुना रे है सीताराम इस गीत को गुन गुना रे तू मिलने झरने पर नदी के किनारे प्रेम की
चले कदम तेरी और पहुँच नहीं हुआ भोर तेरे पास जान से क्यों रुक जाते है पैर प्रेम से उनको क्या है बेर तेरा मुझसे होना दूरबताओ मेरा क्या था कसूर यह जिंदगी एक पहली है क्या यार प्रेम के दुश्मनों के हाथों में है तलवार आँखें यह तुझे ही ढूंढे हर जगहा हर बार तेरा भूत मुझे पर होने लगा है अब सवार पत्थर दिल क
जो अच्छा बुरा नहीं देखती विचारों से जो महकती उसने एक बार दिल लगाया था प्यार को दिल से निभाया था कहते है ना तेरे रास्ते में हम कांटे बिछाएंगे तेरे में ताकत हो तो चल ?उसी प्रकार उसका साथी बेवफा निकला तो उसकी अन्तरात्मा ने कहाँ हा वो बेवफ़ा है और तुझमें हिम्मत है तो तू यह प्यार निभाना उसकी यादों
सपने वो होते हें!जो सोने नही देते !! और अपने वो होते है ! जो रोने नही देते !! प्यार इंसान से करो उसकी आदत से नही रुठो उनकी बातो से मगर उनसे नही... भुलो उनकी गलतीया पर उन्हें नही क्योकि रिश्तों से बढकर कुछ भी नहीं।।
ऐ जिन्दगी तू अब ख्वाब दिखाना छोड़ दे मौत, तू भी ठहर जा रूआब दिखाना छोड़ देक्या खोया क्या पाया दौर-ए-मोहब्बत में दिल तू भी संभल जा, हिसाब दिखाना छोड़ देझूम रहा हूँ आज भी उनकी आंखों की याद में मयखाने तू भी सुन ले, शराब दिखाना छोड़ देलहरों को हम दिल में लिए घुमते है समंद