फ़िज़ा महसूस करवाती कि जैसे अब यहाँ तुम हो,
मगर सबसे निराली है जगह वो ही जहाँ तुम हो,
यकीं होता नहीं मुझको मिलन को इक बरस बीता
जुलाई आ गई फिर से कहो अब गुम कहाँ तुम हो ?
2 जुलाई 2016
फ़िज़ा महसूस करवाती कि जैसे अब यहाँ तुम हो,
मगर सबसे निराली है जगह वो ही जहाँ तुम हो,
यकीं होता नहीं मुझको मिलन को इक बरस बीता
जुलाई आ गई फिर से कहो अब गुम कहाँ तुम हो ?