shabd-logo

बस पानी

3 जुलाई 2016

334 बार देखा गया 334
featured image

"ये भूख-प्यास-तलब जिसकी है मेहरबानी,

उसी का काम है सब को मिले दाना-पानी ....."

1

कविता

7 जून 2016
0
5
1

"पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो,आँसू छिपाते हो फेर कर नज़रें,इतना फीका मुस्कुराया न करो, पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो!!हिदायत से घर भर की लाइट्स बुझाते,सोंच कर भी न कितने सामान खरीदते,गाड़ी का माइलेज चेक करते रहते,मेरे हाथ में ए टी एम थमाया न करो... पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो।पानी की बॉटल

2

मेघ

2 जुलाई 2016
0
1
0

ए खुदा मौसम को इतना रोमांटिक भी ना करकुछ लोग ऐसे भी है जिनका महबूब नहीं...

3

फ़िज़ा महसूस कराती है

2 जुलाई 2016
0
2
0

फ़िज़ा महसूस करवाती कि जैसे अब यहाँ तुम हो,मगर सबसे निराली है जगह वो ही जहाँ तुम हो,यकीं होता नहीं मुझको मिलन को इक बरस बीताजुलाई आ गई फिर से कहो अब गुम कहाँ तुम हो ?

4

बस पानी

3 जुलाई 2016
0
3
0

"ये भूख-प्यास-तलब जिसकी है मेहरबानी,उसी का काम है सब को मिले दाना-पानी ....."

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए