
गंगा धर शर्मा 'हिंदुस्तान '
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गंगा धर शर्मा 'हिंदुस्तान' की साहित्यिक रचनाएँ पढ़ें. ... चाँद बोला चाँदनी, चौथा पहर होने को है. चल समेटें बिस्तरे वक्ते सहर होने को है. चल यहाँ से दूर चलते हैं सनम माहे-जबीं. इस जमीं पर अब न अपना तो

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<p>गंगा धर शर्मा 'हिंदुस्तान' की साहित्यिक रचनाएँ पढ़ें. ...</p> <br><p>चाँद बोला चाँदनी, चौथा पहर होने को है. </p><p>चल समेटें बिस्तरे वक्ते सहर होने को है. </p><br><p>चल यहाँ से दूर चलते हैं सनम माहे-जबीं. </p><p>इस जमीं पर अब न अपना तो