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भाग 1 : डाँसिंग शूज

13 अक्टूबर 2021

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                   सदियों पुरानी बात है , एनेला नदी के किनारे नेवर नाईट नामक एक राज्य था। जो अपनी वीरता , खुशाली और बड़े होने के कारण जाना जाता था। नेवर नाईट जिसका मतलब होता है यहाँ कभी रात नहीं होती पर इसका सही मतलब तो ये था कि इस राज्य की सेना अपना दिन रात एक बनाकर इसकी रखवाली करती थी। उनके लिए रात और दिन दोनों एकसमान थे।  
                   इस विशाल सम्राज्य में एडवर्ड नामक राजा अपना राजपाठ चलाता था। वो अपनी नेक नियत और दर्यादिली के लिए माना जाता था। वो इतना वीर , प्रतापी और साहसी था कि दूसरे राजा उसके सामने खड़े रहने से भी डरते थे। एक और चीज की वजह से वो दुनियाभर में मशहूर था वो थी उसकी सात सुंदर बेटियाँ.... जिन्हें वो अपनी जान से भी ज्यादा चाहता था। 
                   राजा एडवर्ड का महल इतना आलिशान और बड़ा था कि एक दिन के अंदर उसे घूमना लगभग नामुमकिन था। 
                   दिसंबर की सर्दियों का मौसम चल रहा था। सुबह की ठंडी हवा महल की खुली खिड़कियों से अंदर आ रही थी। एक सुंदर पंछी उड़ते उड़ते महल की एक खिड़की पर बैठ गया। ये खिड़की एक गोलाकार कमरें की थी जो बड़ा , सुंदर और आलिशान था। जिसके अंदर सात बड़े मसहिदार पलंग थे जिन पर सात लड़कियाँ चैन से सो रही थी। 

                   ठक... ठक... ठक... 
                   राजकुमारी... राजकुमारी... 
                   जल्दी उठ जाइये ! सुबह हो चुकी है ! सात बज चुके है।
                   आह..... लगता है , मिसेस झान आ गई है ! सबसे पहले पलंग पर सो रही लड़की ने उठते हुए कहा। 
                    हाँ... मुझे भी ऐसा ही लगता आयला ! सबसे बीच वाले पलंग पर सो रही लड़की ने जवाब देते हुए कहा। 
                    जल्दी उठिये राजकुमारी.. नहीं तो सजा मुझे मिलेगी , दरवाजे के बाहर से एक बार फिर आवाज आयी। 
                    हम उठ चुके है , मिसेस झान ! हम तैयार होकर सीधा नाश्ते पर मिलते है , आयला ने जोर से बोलते हुए कहा। 
                   ठीक है , राजकुमारी... दरवाजे के बाहर से आखरी बार आवाज आयी। 
                   इन्हें तो जरा भी चैन नहीं है , बीच वाले पलंग पर बैठी लड़की ने नीचे उतरते हुए कहा। लगता है , किसी दिन ये हमारा दरवाजा तोड़ देंगी।
                   हाँ... सही कह रही हो , सोफिया - 
                   लड़कियों अब जल्दी से उठ जाओ ! आयला ने जोर से चिल्लाते हुए कहा। सात बज चुके है।
                   आयला की आवाज सुनते ही बाकी बचे पलंगों पर थोड़ी हलचल दिखाई देने लगी। और बचे पाच पलंगों से एकसाथ आवाजे आयी - हाँ... आयला !
                   आयला फटाफट तैयार होकर नाश्ता करने चली गई और एक दरवाजे के बाहर रुक गई।
                   हमें हमेशा देर हो जाती है , आयला ने अपने बाल ठीक करते हुए कहा। पापा हमारा इंतजार कर रहे होंगे। इतना बोलकर वो दरवाजे से होते हुए अंदर चली गई। 
                   यह एक शानदार कमरा था। इस कमरे को खास तौर पर नाश्ता और खाना खाने के लिए बनाया गया था। कमरे के बीच में एक लंबा डाइनिंग टेबल था जिसके आजुबाजू आठ कुर्सिया रखी गई थी। और टेबल पर तरह तरह का खाना रखा गया था।
                   गुड मॉर्निंग पापा , आयला ने अपने पिता के बाजू वाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा।
                   ओह आयला... तुम आज भी हमेशा जितनी ही सुंदर दिख रही हो , राजा एडवर्ड ने मुस्कुराते हुए कहा।
                   गुड मॉर्निंग पापा...
                   हैलो पापा , दो लड़कीयों ने दरवाजे से अंदर आकर अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठते हुए कहा। जिसमें से एक किताब पढ़ रही थी। 
                    सोफिया... ऑलिविया... 
                    नाश्ते में क्या है ? सोफिया ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा।
                    तुम जो चाहो वो है -
                    हैलो पापा...
                    कैसे हो पापा ! तीन और लड़कियों ने अंदर आते हुए कहा।
                    हैलो लूना... एलसा... बेला... 
                    में ठीक हूँ , लूना... आओ तुम मेरे पास बैठ जाओ।
                    खाने में क्या है ! हमें बहुत भूक लगी है , एलसा ने बैठकर इधर उधर देखते हुए कहा।
                    और अब बची है , एलियाना ! वो कहाँ है ? राजा एडवर्ड ने दरवाजे की तरफ़ देखते हुए कहा।
                     गुड मॉर्निंग... 
                     सॉरी देरी हो गई पापा , एक मीठी और खुशी भरी आवाज आयी जो एलियाना की थी। वो दरवाजे से होते हुए अंदर आयी और अपने पिता के सामने वाली कुर्सी पर बैठ गई। आज उसके लंबे सुनहरे बाल एक प्यारी सी क्लिप में बंधकर लहरा रहे थे। एलियाना दिखने में बिलकुल अपनी माँ की तरह थी। उसकी नीली आँखें दिखने में इतनी सुंदर थी कि देखने वाला बस उन आँखों को ही देखता रह जाए। उसके आते ही राजा एडवर्ड के चेहरें पर भीनी सी मुस्कान आ गई। 
                    सभी ने बातें करते हुए नाश्ता करना शुरू किया शिवाय राजा एडवर्ड के जो अपनी बेटियों से बात करने का मौका ढूँढ रहे थे।
                    सुनो... 
                    लड़कियों मेरी बात तो सुनो.. राजा एडवर्ड ने कहा और सबके शांत होने तक इंतजार किया। उसके बाद उन्होंने फिर बोलना शुरू किया। मुझे सुनने में आया है कि आप सभी को और मेहनत करने की जरूरत है। अच्छी राजकुमारीया बनने के लिए... 
                     वो किस लिए पापा ! आयला ने बेचैन होकर पूछा।
                     वो.. शायद.. 
                     तभी अचानक दरवाजा खुला और एक आदमी अंदर आया। मिस्टर एरिक हाजिर है... 
                     आह..
                     चलो.. चलो... 
                     एरिक आ गया है... सभी लड़कियाँ उठकर कमरे से जाने लगी। 
                     अरेरे.. हैलो रुको.. सुनो तो.. सिर्फ शूज ही तो है ! राजा एडवर्ड ने सभी को जाते देखकर कहा।
                     सिर्फ शूज पापा... आयला और ऑलिविया ने आह भरते हुए कहा और वहाँ से चली गई। 
                     ' वो डांसिंग शूज है , पापा ' एलियाना ने मुस्कुराते हुए कहा। उसने अपने पापा को गले से लगाया और सबके पीछे पीछे वहाँ से चली गई। 
                     वो तेजी से अपनी बहनों के पीछे पीछे नीचे बगीचे में पहुँच गई जहाँ एरिक उनके नए शूज लेकर आया था।   एरिक दिखने में बहुत ही सुंदर और खुशमिजाज लड़का था। जो हमेशा से राजकुमारियों के लिए शूज बनाता था।
                     एरिक.. एरिक.. एरिक.. लूना , एलसा और बेला ने दौड़कर एरिक के पास जाते हुए कहा।
                     क्या तुम हमारे शूज लाए हो ! एलसा ने मुस्कुराते हुए कहा।
                     क्या मुझे आज लाने थे ! एरिक ने कुछ पल रुककर आगे कहा। में आप सभी के शूज लाया हूँ , राजकुमारी एलसा.. 
                     थैंक्स यू , एरिक... 
                     तुम्हारा जवाब नहीं एरिक... 
                     सभी ने एरिक की तारीफ करते हुए उससे अपने अपने शूज ले लिए।
                     एलियाना दूर से ही अपनी छोटी बहनों को खुश देखकर धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी। एलियाना भी जल्दी से उसके पास चली गई ताकि अपने नए शूज देख सके।
                     क्या मेरे लिए कुछ है ! एलियाना ने मुस्कुराते हुए पूछा। 
                     बिलकुल राजकुमारी... 
                     एरिक क्या तुम शूज पहनने मे मेरी मदत करोगे ! बेला ने उनके पास आते हुए कहा। प्लिज़ , चलो ना... बेला ने जोर से उसका हात खींचते हुए कहा।
                     जी राजकुमारी.. 
                     ये आपके लिए है... एरिक ने अपने संदूक के अंदर से शूज की एक जोड़ी एलियाना के हाथों में देते हुए कहा। उम्मीद है आपको पसंद आयेंगे , राजकुमारी ! इतना बोलकर वो बेला के साथ चला गया।
                     इसका तो जवाब नहीं... एलियाना ने अपने शूज देखते हुए कहा। उन पर नीले और गुलाबी रंग की खुबसूरत  नक्काशी बनी थी। तुम्हें क्या लगता है , बेला.. 
                     चलो.. एलियाना डांस करते है , सोफिया ने अपने शूज पहनकर घूमते हुए कहा। काश यहाँ म्यूज़िक होता.. उसी की कमी लग रही है। 
                     हाँ... सही कह रही हो , आयला ने भी उनके पास आते हुए कहा।
                     अगर आप चाहे तो मैं आपके लिए कुछ म्यूज़िक बजा सकता हूँ , एरिक अचानक बीच में बोल पड़ा।
                     क्या तुम्हें आता है , एलियाना ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा। एलियाना उसकी यह बात सुनकर थोड़ी चौक गई थी क्योंकि आज तक उसने कभी भी एरिक को म्यूज़िक बजाते नहीं देखा था।
                     नहीं.. मेरा मतलाब है , थोड़ा बहुत तो...
                     बस यू ही.. एरिक ने अटकते हुए कहा। अचानक वो थोड़ा परेशान दिखने लगा था।
                     क्या हमें कुछ सुनाओगे... 
                     प्लिज़ एरिक... प्लिज़ एरिक... लूना , एलसा और बेला ने एकसाथ कहा। हमें खुशी होगी। 
                     जैसा आप चाहे , राजकुमारी.. एरिक ने अपनी जेब से एक बासुरी निकालते हुए कहा। जब वो बासुरी बजा रहा था तब ऐसा लग रहा था जैसे माहौल अचानक खुशियों से भर गया हो। वो इतनी सुंदर धुँध बजा रहा था जिसे एलियाना ने आज तक कभी नहीं सुना था। बासुरी मीठी आवाज सुनते ही सभी राजकुमारियाँ उसकी धुँध पर नाचने लगी। जैसे वो म्यूज़िक उन्हें नाचने के लिए प्रेरित कर रहा हो। 

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Adventure of Aliyana
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यह एक काल्पनिक कथा है।

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