रात का वक्त था। बाहर की ठंडी हवा महल के भीतर आकर माहौल को खुशनुमा बना रही थी। नेवर नाईट में हमेशा से इतनी सर्दी पड़ती थी कि रात के वक्त सभी अपनी खिड़कियाँ बंद रखना ही पसंद करते थे।
महल के लगभग सारे कमरे अंधेरे में डूबे हुए थे सिवाय उस कमरे के जिनमें राजकुमारीया रहती थी। वहाँ रात के इस वक्त भी काफी रोशनी थी। और कमरा बंद होने के बावजूद भी अंदर से काफी आवाजें आ रही थी।
एलियाना और उसकी बहनें रात का खाना खाकर अपने कमरे में वापस लौट चुकी थी। सभी एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रही थी सिवाय एलियाना के जो अपने पसंदीदा जूतों को देख रही थी।
एलियाना क्या तुम्हें सिर्फ शूज पसंद है , आयला ने उसे देखकर पूछा।
या फिर उन्हें बनाने वाला ! सोफिया ने मुस्कुराते हुए कहा।
यह तुम क्या बोल रही हो , एलियाना ने अटकते हुए कहा। एलियाना को अपने गाल लाल महसूस हो रहे थे और अचानक पूछे गए इस सवाल से वो थोड़ा चौक गई थी। तुम्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए , सोफिया।
क्या तुम्हें वो पसंद नहीं ! ऑलिविया ने अपने बिस्तर पर बैठते हुए कहा। वो कितना क्यूट है...
हो सकता है , ऑलिविया ! पर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसका दिल साफ है और वो बस मेरा... अच्छा दोस्त है।
एलियाना तो गई काम से... आयला ने कहा और सभी मुस्कुराने लगी।
वैसे मुझे लगता है , अब हमें जल्दी से सो जाना चाहिए कल पापा बाहर जा रहे है इसलिए सारी जिम्मेदारी हम पर है।
पापा कल कहाँ जा रहे है , एलियाना ! बेला ने उनके पास आते हुए पूछा। उसके साथ एलसा और लूना भी थी।
शायद तुम्हें नहीं पता होगा , बेला ! सोफिया ने जवाब देते हुए कहा। क्योंकि तुम तीनों अभी छोटी हो।
बताओ ना... वो कहा जाते है ! लूना ने कहा।
दरअसल पापा हर महीनें लोगों के बीच जाते है ताकि उन्हें उनके सवालों के सही जवाब मिल सके , एलियाना ने उन्हें समझाते हुए कहा। जो भी उन्हें सही जवाब दे देता है पापा उसे ईनाम देते है।
और ये काफी सालों से चल रहा है , ऑलिविया ने कहा। हम जब तुम्हारी उमर के थे तब से उन्हें जाते देख रहे है।
शायद वो पूरा एक महिना अपने सवाल सोचकर उन्हें जमा करके रखते होंगे , आयला ने मुस्कुराते हुए कहा।
चलो... अब जल्दी सो जाओ लड़कियों , आयला ने ऊँची आवाज में कहा। कल पुरा महल हमारा है और हम हमें जो चाहिए वो कर सकते है।
हाँ... सही कहा।
* * * * *
एलियाना और उसकी बहनों का दिन इतना अच्छा गुजरा था कि वो शाम होने तक डांस करते करते पुरी थक चुकी थी। पुरा महल शाम होने तक उनके कब्जे में था। और जब राजा एडवर्ड शाम होते होते वापस आ गए तो उन सभी ने उनका दिल से और मुस्कुराकर स्वागत किया।
आपका दिन कैसा रहा , पापा ! आयला ने मुस्कुराते हुए कहा जब वो सभी रात का खाना खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे। आज उसने चमकदार हरे रंग की पोशाख पहन रखी थी।
बहुत ही अच्छा था , आयला ! राजा एडवर्ड ने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया। चलो , खाना शुरू करते है।
हाँ.. पापा ! और सभी ने खाना शुरू कर दिया।
तो तुम सब ने आज दिन भर क्या क्या किया ! राजा एडवर्ड ने सूप पीते हुए पूछा।
हम सभी ने दिन भर डाँस किया और ढेर सारी बातें की , सोफिया ने याद करते हुए कहा। वो यह बात बताते वक्त भी वो खुशी से मुस्कुरा रही थी।
अच्छा... अब में क्या करू आप सभी का ! आप सभी को अब बड़े हो जाना चाहिए ! राजा एडवर्ड ने कहा। आप सभी राजकुमारीया जो है।
पर पापा...
ठीक है ! मैं आपको एक सवाल पूछता हूँ , आप सभी एक एक कर उसका जवाब दे।
ठीक है , पापा ! आयला ने कहा और सभी ने अपना सर सहमती में हिला दिया।
आप सभी इस वक्त जो खा रही है और जो कपड़े पहने हो वो सब किसकी वजह से है ! राजा एडवर्ड ने अपने हाँत बांधते हुए कहा और सबसे पहले आयला की तरफ देखा।
इस में तो कोई शक की बात ही नहीं है , पापा। हम इस वक्त जो खा रहे है या जो कपड़े हमने पहने है वो सब आपकी ही वजह से है , पापा ! आयला ने मुस्कुराकर जवाब दिया। और एलियाना को छोड़कर सभी ने हाँ.. में अपना सर हिलाया।
तुम्हारा इस बारें में क्या कहना है , एलियाना ! राजा एडवर्ड ने एलियाना को शांत देखकर उससे पूछा। क्या तुम कुछ नहीं बोलोगी ?
जी पापा ! एलियाना ने सीधे अपने पिता की आँखों में देखते हुए कहा। मेरा जवाब इन सभी से अलग है , इस वजह से में शांत हूँ।
अच्छा... तो तुम्हारा जवाब क्या है ?
मेरे खयाल से में इस वक्त जो खाना खा रही हूँ वो सब भगवान की वजह से है। और हर इंसान अपनी किस्मत के साथ ही पैदा होता है इसलिए ये ऐशोआराम या जो कपड़े इस वक्त मैंने पहन रखे है वो सभी मेरे किस्मत में है।