इंसान की सबसे बड़ी संपत्ति उसका शरीर है और ये संपत्ति ऊपर वाले का अनमोल उपहार है जो उसकी मर्जी से ही हमें मिला है वो चाहे तो कभी भी एक झटके में ऐसी पटखनी लगा दे कि एक ही बार में व्यक्ति चारों खाने चित्त हो जाए ... इसीलिए कभी भी किसी को धोखा नहीं दो , झूठ मत बोलो , क्रूरता मत करो ,नहीं तो ये चालबाजी वाला दिमाग कब अपाहिज हो जाए कुछ कह नहीं सकते । सबकुछ होते हुए भी आप गरीब हो जाओगे एक ही क्षण में ..वो कहते हैं ना भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती लेकिन पड़ती जरूर है गलती से भी ग़लत काम करने वालों पर... ऐसे ही उनका आशीष होता है जो दिखाई नहीं देता लेकिन साथ में होता है ,वही हमें हर विपत्ति से निकालने में मदद करता है , देर जरूर लगती है , संघर्ष भी बहुत करना पड़ता है लेकिन जीत भी अवश्य मिलती है .. इसीलिए नेक बनो नेकी करो और सारी दुनियाँ का दिल जीत लो ,,उनकी दुआएँ आपका बाल भी बाँका नहीं होने देंगीं । इसीलिए अपना हौसला बरकरार रखना ,, आप अच्छे हैं तो हर मुश्किल से आपको निजात मिलेगी । गुड लक 👍👍
लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश ( 10 जुलाई 2022 )