9 जनवरी 2020
रॉक गार्डन पर कविता- फ़र्क बस नज़रिये का था.टूटी हुई चीज़ समझकर बेज़ान मान लिया गया.इक शख़्स ने जोड़ जोड़कर मुझे खूबसूरत बागीचा बना लिया.शिल्पा रोंघे