राष्ट्र पति पद के दोनों उम्मीदवार दलित है। प्रथम उम्मीदवार सत्ताधारी भाजपा से तो दूसरे विपक्षी कांग्रेस से है।
(1) प्रथम उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद जी अत्यंत सरल स्वभाव के हैं !
इतने सरल कि हमेशा पंतजलि वाली पतली दाल पीते हैं ।
राजनीति और परिवार में प्रबंधन अच्छा करते है, उन्होंने अपने परिवार को समृद्ध करने में जीवन समर्पित किया।
कई पेट्रोल पंपों तथा अन्य प्रतिष्ठानों के स्वामी है, लेकिन कभी घमंड नहीं करते।
बंगारू बाबा के लिए झूठी गवाही भी देतें है। नियमो के इतने पाबंद है कि बताया जाता है कि सांसद रहते कमीशन 40% से एक फूटी कौड़ी भी कभी अधिक स्वीकार नहीं किये। बेटे-बेटी को उच्च पदों पर सेट करवाया।
एक ने अडानी ग्रुप में भी शेयर लेकर देश मे रोजगार बढ़े ऐसा प्रयास किया, यहां तक कि दलित होकर भी बिना मच्छरदानी लगाए
गत 30 साल से वातानुकूलित कक्ष में ही सो जाते है,
इतनी सादगी भरा जीवन है कि सब्जी, नमक, तेल, प्याज, लहसुन को हाथ तक नही लगाए और सिर्फ मलाई खाकर ठंडा पानी पीकर सो जाते हैं !
सुना है कि बेचारे इतने सीधे-सरल कि गम की परवाह किये बगैर पत्नी की मौत के 6 माह बाद ही अपनी सहायिका से शादी करली !(2)द्वितीय उम्मीदवार उप-प्रधानमंत्री की बेटी होकर IFS अधिकारी बनकर, ब्राह्मण से विवाह करके, 5 बार सांसद रहकर, केंद्रीय मंत्री बनकर, लोकसभा स्पीकर बनकर, देश की राजधानी के बड़े बंगलों पर कब्जा कर, दर्जनों विदेश यात्रा कर, करोडो की संपत्ति होने के बादब् भी दलित हैं।
कृपया सलाह दें कि हिंदुस्तान के दलितों के उन्नयन के लिए और क्या किया जाय!!