मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले
मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहलेमुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले,मैं तुम्हीं को ढूँढता था, इस जिन्दगी से पहले,मैं खाक का जरा था और क्या थी मेरी हस्ती,मैं थपेड़े खा रहा था ,जैसे तूफाँ में किश्ती,दर-दर भटक रहा था, तेरी बंदगी से पहले,मैं इस तरह जहाँ में, जैसे खाली सीप होती,मेरी बढ़ गयी है कीम