समाज में ऐसे व्यक्तित्व का विकास करना जो समतामूलक स्वस्थ समाज की रचना के लिए अति आवश्यक हैं । ऐसे व्यक्ति ही अपनी संकीर्ण सीमा से ऊपर उठकर समाज, देश और विश्व स्तर पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं । ऐसे व्यक्तियों की स्मृति जितनी अच्छी होगी उतनी ही ज्ञान ग्रहण करने की क्षमती बढ़ जाएगी । जितना ज्ञान होगा, उसी के आधार पर भविष्य की योजनाएं बनेंगी और उनका क्रियान्वयण होगा ।
स्मरण शक्ति कम होने के कारण
1. निन्द्रा और आलस्य की ओर व्यक्ति का झुकाव ।
2. मस्तिष्क की झुकाव पढ़ने की तरफ न होना ।
3. टी.वी, मोबाईल, और अन्य मनोरंजन के साधनों के प्रति आकर्षण ।
4. रीढ़ की हड्डी को झुका कर बैठने को आदि होना ।
5. शरीर में कफ का जमना और मल का अवरोध होना ।
6. निषेधात्मक दृष्टिकोण को होना ।
7. स्मृति में डाले गए विषयों को नहीं दोहराना ।
8. क्रोध, भय, चिन्ता, तनाव और अहंकार से ग्रस्त होना ।
9. मस्तिष्क का सीमित विकास या विकृत मस्तिषक का होना ।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के व्यावहारिक तरीके
1. वाणी संयम का अभ्यास करना ताकि मस्तिष्कीय ऊर्जा का बेकार खर्च न हो ।
2. पढ़ने के प्रति रुचि और जागरूकता पैदा करना चाहिए ।
3. पढ़े गए विषयों को बार-बार दोहराना ।
4. पढ़ने के बाद आवश्यक विषयों को बिन्दु के रूप में याद रखना ।
5. शरीर में कफ की प्रकृति को काबू में रखना ।
6. हमेशा रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर बैठना चाहिए, जिससे मस्तिष्क की इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ियां सदा स्वस्थ बनी रहें ।
7. क्रोध, भय, चिन्ता, तनाव और अहंकार से मुक्ति पाने का उपाय करना ।
8. अपना लक्ष्य निर्धारित करके उसमें रुचि लेना और व्यर्थ की बातों में समय खर्च नहीं करना । समय का प्रबंधन करना ।
9. अध्ययन के साथ अध्यात्म को भी पालन करना ।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के प्रायोगिक तरीके
1. ज्ञान मुद्रा- दोनों हाथों की तर्जनी और अंगूठे के पोरों को मिलाकर इस प्रकार घुटनों पर रखें कि हथेली का निचला भाग घुटने पर रहे । शेष तीन उगलियाँ मिली हुई और सीधी हो ।
2. महाप्राण ध्वनि-सोने से पूर्व, सोकर उठने के तुरंत बाद एवं पढ़ने से पूर्व नौ-नौ बार महाप्राण ध्वनि का अभ्यास करें अर्थात किसी भी आसन में बैठकर, नेत्र बंद रखते हुए ओठ बंद करें तथा ओम् का गुंजन करें।
3. आसन- योगमुद्रा, सर्वागासन एवं शशांकासन का नियमित अभ्यास करें ।
4. ध्यान- ज्ञान केन्द्र आज्ञाचक्र पर सूर्यमुखी फूल की तरह चमकते पीले रंग का ध्यान करें । (समय-10 मिनट)
5. भावना- रात को सोते समय शरीर को शिथिल करके भावना जागृत करे कि मेरी स्मरण शक्ति बढ़ रही है ।
6. ऊं ह्रीं सरस्वत्यै नमः का सोते समय जप करें ।
7. त्राटक- किसी मोमबती को आंखों जितनी ऊंचाई पर रखे । उसकी दूरी एक मीटर हो । आंख खोलकर लगातार मोमबती की लौ पर दृष्टि एकाग्र करें । कुछ देर बाद नेत्र बंद करें । फिर खोलें फिर पहले से अधिक देर तक देखें । जब तक आंखों से पानी न आ जाए एक टक देखें । बाद में हथेलियों का कप-सा बनाकर बंद आंखों पर रखें ।