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मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले

29 जुलाई 2016

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मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले


मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले,

मैं तुम्हीं को ढूँढता था, इस जिन्दगी से पहले,

मैं खाक का जरा था और क्या थी मेरी हस्ती,

मैं थपेड़े खा रहा था ,जैसे तूफाँ में किश्ती,

दर-दर भटक रहा था, तेरी बंदगी से पहले,


मैं इस तरह जहाँ में, जैसे खाली सीप होती,

मेरी बढ़ गयी है कीमत, तूने भर दिये है मोती,

मुझे मिल गया सहारा, कदमों में तेरे आके,

यूं तो है जहाँ में लाखों, तेरे जैसा कौन होगा,

तू है वो दरिया रहमत, तेरा जैसा कौन होगा,

मजा क्या है जिंदगी में, तेरी बंदगी से पहले,


तू जो मेहरबाँ हुआ, सारा जग ही मेहरबाँ है,

न आवाज न गला था, तेरी बंदगी से पहले,

रौशन साथी तेरे से, हर दिल में राज तेरा,

माँ भारती मेरी मैया, मेरे दिल में डालो डेरा,

दर-दर की खाक छानी, तेरी बंदगी से पहले,

मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले

         -अज्ञात            


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रचनाएँ
jphans
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हिन्दी युवा रचनाकार एवं ब्लॉगर । ब्लॉग का नाम शब्द क्रांति।
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