आपके अस्तित्व की वजह क्या है?
जापानी लोगों का ऐसा मानना है कि हर एक के जीवन का एक इकिगाई होता है। शायद फ्रांस के दार्शनिक इसे 'जीवन का उद्देश्य' कहेंगे या
अन्य देशों के लोग किसी और नाम से पुकारेंगे। इकिगाई हर एक के अंदर छुपा हुआ होता है। कुछ लोगों को अपना इकिगाई मिल जाता है तो कुछ लोग उसकी खोज में होते हैं।
हमारा इकिगाई हमारे भीतर काफ़ी गहराई तक छुपा हुआ होता है और उसे खोजने के लिए संयम की आवश्यकता होती है। ओकिनावा के लोग कहते हैं कि उनके सुबह उठने के पीछे एक ही वजह होती है और वह है उन्हें मिला हुआ उनका इकिगाई।
कुछ भी करो, लेकिन कभी भी रिटायर मत होना!
एक बार आपको अपना इकिगाई स्पष्ट हो जाए तो फिर सुख और संतुष्टि अपने आप मिलती है; जीवन को असली अर्थ मिलता है। इस कि- ताब के माध्यम से आपको आपका इकिगाईमिले और जापानी लोगों के तन, मन व बुद्धि से हमेशा स्वस्थ रहने के पीछे का राज़ आप समझ पाएँ, यही इस किताब के पीछे की मूल वजह है।
आप यह जानकर हैरान हो जाएँगे कि रिटायर होने के बाद भी वहाँ के लोग हमेशा काफ़ी सक्रिय और व्यस्त रहते हैं। सच बात तो यह है कि जापान के लोग रिटायर होते ही नहीं हैं। जब तक उनका शरीर साथ देता है वहाँ के लोग अपना पसंदीदा काम करते रहते हैं।
महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जापानी भाषा में रिटायर शब्द के लिए कोई भी शब्द नहीं है। जैसे अंग्रेज़ी में एक उम्र के बाद नौकरी या काम बंद करने के लिए 'रिटायरमेंट' शब्द है, वैसा कोई शब्द जापानी भाषा में नहीं है। नैशनल जिओग्राफ़िक के रिपोर्टर डैन ब्युटेनर ने काफ़ी समय जापान में बिताया है और उनका कहना है कि जापानी लोगों को अपने जीवन का उद्देश्य इतना महत्त्वपूर्ण लगता है कि उनके यहाँ पर रिटायरमेंट की कोई संकल्पना ही नहीं है।
(अधिकतर ) युवा लोगों का द्वीप
दीर्घायु के रहस्य के बारे में और जानकारी हासिल करते वक्त हमें पता चला कि जापानी लोगों के खाने-पीने के तौर-तरीक़े और उनकी खा- द्य-संस्कृति के साथ इकिगाई का ज्ञान उनकी लंबी उम्र की बड़ी वजह है। ओकिनावा जैसी जगहों का, जहाँ कि लंबी आयु वाले बहुत सारे लोग रहते हैं (ऐसी जगहों को ब्लू ज़ोन कहते हैं) अध्ययन करने के बाद कुछ अनोखे तथ्य सामने आए। जैसे कि :
■ ये लोग ज्यादा साल ही नहीं जीते हैं बल्कि इन लोगों को कैन्सर और हृदयरोग जैसी बड़ी बीमारियाँ भी नहीं होती हैं।
■ इन लोगों के जीवन जीने का तरीक़ा इतना प्रभावी और आनंददायी होता है कि बाक़ी देशों के लोग उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते।
■ ख़ून में उपलब्ध जिस चीज़ की वजह से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया होती है उसकी मात्रा इन लोगों में कम होती है। इसका श्रेय वे 80 प्र तिशत पेट भरने तक खाना खाने और चाय पीने की आदत को देते हैं।
■ वहाँ की महिलाओं को रजोनिवृत्ति के समय हल्की-फुलकी परेशानी होती है। इतना ही नहीं, विश्व के बाक़ी लोगों की तुलना में इन जगहों के स्त्री-पुरुषों में लैंगिक हार्मोन्स ज्यादा उम्र तक सक्रिय होते हैं।
■ डिमेन्शिया जैसी बीमारियों की संभावना काफी कम होती है।
इकिगाई का अर्थ
जापान में इकिगाई शब्द इस प्रकार से लिखते हैं। जिसमें इसका अर्थ "जीवन" और मतलब "अर्थपूर्ण।” # इसी शब्द को अगर हम दो हिस्सों में लिखें तो इसका मतलब है "पहले दर्जे का योद्धा" (युद्ध में हमेशा पहले स्थान पर रहना) और मतलब "सुंदर और सुघड़" ऐसा होता है।
हालाँकि इस किताब में हम इन सभी बातों पर रोशनी नहीं डालने वाले हैं, लेकिन इतना पक्का है कि उनकी लंबी उम्र के पीछे उनका अपने इकिगाईको जानना और उस उद्देश्य पर लक्ष्य केंद्रित करना ही है। यह बात अध्ययन से ज्यादा स्पष्ट हो गई।
दीर्घायु लोगों के पाँच टापू (ब्लू ज़ोन्स)
ओकिनावा ब्लू ज़ोन में पहले स्थान पर आता है। यहाँ की महिलाएँ दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक समय तक जीवित और स्वस्थ रहती हैं। डैन ब्युटनर ने अपनी पुस्तक द ब्लू जोन्स में इन पाँच जगाहों को पहचाना और विश्लेषित किया है :
1. ओकिनावा, जापान (ख़ासकर द्वीप का उत्तरी इलाक़ा ) - यहाँ के लोग एक छोटी सी प्लेट में तोफू और इसी प्रकार की कई सारी उच्च गुणवत्ता वाली सब्ज़ियाँ डालकर खाते हैं। अपने इकिगाई दर्शन को जानने के साथ-साथ मोइ' यानि कि 'दोस्तों का एक गुट' उनकी लंबी उम्र में बड़ा योगदान करता है।
2. सादनिया, इटली (ख़ासकर न्युओरो और ओलियास्त्रा का इलाक़ा)- यहाँ के लोग बड़ी मात्रा में सब्ज़ियाँ खाते हैं और रोज़ एक या दो ग्लास वाइन पीते हैं। ओकिनावा की तरह यहाँ के लोग भी अपनी लंबी उम्र का श्रेय सामाजिक जुड़ाव की भावना को देते है।
3. लोमा लिंडा, कैलिफ़ोर्निया- यहाँ के सेवन्थ-डे एडवेन्टिस्ट' इस ग्रुप के लोगों का निरीक्षण किया गया। ये लोग अमेरिका के दी- र्घायु लोगों में से हैं।
4. द निकोया पेनिन्सुला, कोस्टा रिका- यहाँ के लोग नब्बे साल के बाद भी सक्रिय होते हैं। यहाँ के लोग ख़ुशी ख़ुशी सुबह 5.30 बजे उठते हैं और अपने खेतों में और बगीचों में काम करते हैं।
5. इकारिया, ग्रीस - यहाँ के समंदर किनारे रहने वाले लोगों में हर तीन में से एक इंसान 90 साल से ऊपर जीता ही जीता है। (जबकि अमेरिका में इसका प्रतिशत सिर्फ़ 1 है।) इसी वजह से इसको दीर्घायु लोगों का टापू कहा जाता है। 500 बीसी से चली आई जीवन-शैली को इसका श्रेय जाता है।
किताब के अगले हिस्से में हम ओकिनावा टापू पर रहने वाले लोगों की लंबी उम्र के पीछे के मुख्य कारणों का परीक्षण करेंगे। इन पाँच जगहों में से तीन जगह टापू हैं, इस वजह से वहाँ पर सामग्री काफ़ी सीमित है। जाहिर सी बात है कि एक-दूसरे की मदद के अलावा दूसरा कोई चारा इन लोगों के पास नहीं रहता।