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इश्क की पतंग

4 सितम्बर 2021

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💕नहाकर; जब वो, अपनी छत पर बाल सूखाने आती है💕

💕हमें भी पतंग उड़ानें की लत लग जाती है💕

💕घुमाकर; जब वो सिर अपना, बालों को झाड़ती है💕

💕नजरें भी हमारी, कहीं और पेंच लड़ाने लग जाती है💕

💕छुटकर;वो रेशम का धागा हाथ से...💕

💕कहीं मुहब्बत की डोर जुड़ जाती है 💕

💕कोइ घंटों बाल सूखाती है तो किसी कि पतंग बिन डोर आसमान छू जाती है💕

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