💕नहाकर; जब वो, अपनी छत पर बाल सूखाने आती है💕
💕हमें भी पतंग उड़ानें की लत लग जाती है💕
💕घुमाकर; जब वो सिर अपना, बालों को झाड़ती है💕
💕नजरें भी हमारी, कहीं और पेंच लड़ाने लग जाती है💕
💕छुटकर;वो रेशम का धागा हाथ से...💕
💕कहीं मुहब्बत की डोर जुड़ जाती है 💕
💕कोइ घंटों बाल सूखाती है तो किसी कि पतंग बिन डोर आसमान छू जाती है💕