आज हमारी जिन्दगी की रफ्तार इतनी तेचज हो गयी है कि हम प्रकृति को अनदेखा किए जा रहे है आज हमारे पास प्रकृति को देखने तक की फुर्सत नही लेकिन जब प्रकृति अपने ऊपर होने वाले जुल्म का विरोध करती है तो हम सभी उसको कोसते है अतः मेरी आप सभी पाठको से विनती है कि दिन मे कम से कम 1 घण्टा जरूर समय निकाले और इन प्राकृतिक चीजो के विषय मे जरुर सोचे