एक किसान सब के सामने फाँसी पर लटक जाता है कोई उसको बचाने नही आता वहाँ पुलिस के साथ साथ मीडिया के लोग व अन्य लोग खङे थे और आज जब कोई माँफी माँग रहा है जो निर्दोश है
वह नही चाहता कि किसी किसान की मौत पर कोई राजनीति हो तो अन्य उसकी इस सहानभूति पर भी राजनीति कर रहे है
वाह इन्सानियत