जय जवान जय किसान जय विज्ञान
जय किसान जो इस धरा को हरियाली पहनाए,
मेहनत से इस मिट्टी से जो सोना उपजाए।
बहा पसीना अपने तन से करता है अन्नदान,
जय जवान जय किसान जय विज्ञान।।
अन्न धन से जो सदा देश को सामथ्र्यवान बनाए,
आत्मनिर्भरता का राष्ट्र को सम्मान दिलवाए।
पर अपनी करनी से रहता जो हरदम अनजान।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान।।
भारत के बच्चे बच्चे का जिससे पालन होता,
धरती के सीने पर कृषक वो ही दाने बोता।
बटोर फसल भरपूर वो देता राष्ट्र को सम्मान।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान।।
कृषक खुद सामान्रू बन कर अपना जीवन जीता,
पर उसकी कर्मठता से सारा राष्ट्र नवजीवन पाता।
उसके जीवन पर अब देना होगा पूरा ध्यान।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान।।
- जगदीश यायावर