मंजिल मिले न मिले
ये मुक्कदर की बात हैं !
हम कोशिश भी न करें
ये तो गलत बात हैं ।....
jindgi जख्मों से भ री है
वक्त को मरहम बनाना सिख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फ़िलहाल दोस्तों के साथ
जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!
27 नवम्बर 2015
मंजिल मिले न मिले
ये मुक्कदर की बात हैं !
हम कोशिश भी न करें
ये तो गलत बात हैं ।....
jindgi जख्मों से भ री है
वक्त को मरहम बनाना सिख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फ़िलहाल दोस्तों के साथ
जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!
वाह वाह क्या बात है आदरणीया बहुत खूब
27 नवम्बर 2015