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manjukurve

मंजू

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पछाताप  

manjukurve

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पुस्तक के भाग

1

किसी का दिल मत दुखाओ

29 सितम्बर 2015
0
7
5

जिंदगी हर हल में ढलती हैं ,जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती हैं,गीले शिकवे कितने भी हो ,हर हाल में हसते रहना क्योकि...जिंदगी ठोकरों से ही संभालती है....

2

दुःख

29 सितम्बर 2015
0
2
0

अगर दुसरो के दुःख को देखकर तुम्ह भी दुःख होता हैं..तो समज लेना भगवन ने तुम्हे इंसान बनाकर कोई गलती नहीं कि...

3

Aansu ki saja

4 अक्टूबर 2015
0
3
2

4

आंसू

5 अक्टूबर 2015
0
6
4

किसी का दिल मत दुखाओ        उसकेआंसू तुम्हारे लिए सजा     बनसकतेहैं.......... वो ख्वाहिशे अजीब थी ,  सपनेअजीब थे जीने को तेरे प्यार की दौलत मिली थो थी ।..jab तुम नहीं थे उन दिनों हम भी गरीब थे ।....

5

जीना सीख लो ।…।..!!

27 अक्टूबर 2015
0
13
8

मंजिल मिले न मिले ये मुक्कदर की बात हैं ! हम कोशिश भी न करें ये तो गलत बात हैं  ।....jindgi  जख्मों से भ री है वक्त को मरहम बनाना सिख लो हारना तो है एक दिन मौत से  फ़िलहाल दोस्तों के साथ जिंदगी जीना सिख लो ,।.....!!        

6

काश....

27 नवम्बर 2015
0
3
0

काश ,हमारी भी परवाह किसी ने की होती , तो ये दुनिया हमसे रुसवा न होती ,   अगर आता आप जैसा मुस्कुराना हमें , तो हमसे भी किसी ने मोह्हबत की होती ..

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