दूर आसमान के किनारे
जब सूरज है धुंधलाता
थामें, कस के हाथ तेरा
कोई कांधे पे है सिर झुकाता
हो गया जो दुश्मन
ये ज़माना भी, तो क्या
मैं साथ हूँ सदा तेरे
ये कहते कभी थक नही पाता
उदासी की स्याह रात में भी
जो उम्मीद की किरण है जगाता
तेरी हर मुश्किल को अपना बना के भी
है यू हमेशा ही मुस्कुराता
तू लड़ेंगा -जीतेगा एक दिन
हर पल उसे ही ये ही विश्वास है
ये जो ताकत है तुझमें संघर्ष की
ये कुछ और नही
बस उसके प्यार का ही संजीदा एहसास है
ये जो हर पथ पे
है आपका साथ निभाता
हमसफर, हमराज़ ये तेरा हमराही
'' जीवन साथी है "कहलाता!!