किसी क्षेत्र विशेष की परंपरागत जलवायु में होने वाले परिवर्तन या बदलाव को जलवायु परिवर्तन कहते हैं
किसी स्थान पर लंबे समय तक पाई जाने वाली मौसमी दशाओं को जलवायु कहते हैं
इसके 3 घटक हैं
तापमान
वायुदाब
और वर्षा
भारत की जलवायु को मानसूनी जलवायु बोला जाता है
मानसून शब्द अरबी भाषा की मौसम शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है रितु
किसी अस्थान या प्रदेश की दीर्घकालीन वायुमंडलीय दशाओं के औषध को जलवायु कहते हैं
जलवायु में परिवर्तन लंबी अवधि में होता है
जलवायु किसी स्थान या फिर प्रदेश में देश में कई प्रकार की होती है यह मौसम की तरह बदलती नहीं है
मानव के जीवन पर जलवायु का गहरा प्रभाव पड़ता है
भारतीय जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
पृथ्वी पर हर जगह एक जैसी जलवायु नहीं पाई जाती है तापमान वायुदाब और वर्षा के कारण जलवायु में अंतर पाया जाता है और जलवायु को प्रभावित करने वाले निम्न कारक इस प्रकार हैं
स्थिति और उच्चावच
पवनों की दिशा
समुंद्री दशा
भूमध्य रेखा से दूरी
जलवायु का मानव जीवन पर प्रभाव
पर्यावरण में सबसे ज्यादा जलवायु ही मानव जीवन को प्रभावित करता है जलवायु के आधार पर ही मानव अपने रहन-सहन को निर्धारित करता है विषम जलवायु मानव जीवन के रहन-सहन को प्रभावित करती है भारतीय जलवायु विभिन्न प्रकार से मानव के जीवन को प्रभावित करती है
भारत में कृषि सबसे ज्यादा होती है और कृषि मुख्य रूप से जलवायु पर ही निर्भर करती है और इन तत्वों को ध्यान में रखकर जलवायु के अनुसार अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग तरीके की खेती की जाती है
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जलवायु का प्रभाव यातायात पर भी पड़ता है आधी तूफान वर्षा को हराकर कारण ऋण जल परिवार में व्यवधान आता है जिससे कि व्यापार भी स्थगित रहता है
मनुष्य की आर्थिक या पर भी जलवायु का प्रभाव पड़ता है जैसे मत्स्य पालन खेती मछली पकड़ना शिकार आदि
जलवायु के कारण मानव की कार्य क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है जैसे कि जिस स्थान पर गर्मी ज्यादा पड़ती है वहां पर मनुष्य जल्दी थक जाता है और जब कि जब किसी प्रदेश में रहने वाले मनुष्यों की कार्य क्षमता ज्यादा होती है
भारत के जिन क्षेत्रों में उत्तम जलवायु पाई जाती है वहां पर सघन जातियां निवास करती है और वहां पर अच्छी तरीके से भी खेती की जाती है
भारत उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु वाला देश है