कामिनी भाग 1 कामिनी एक अजीब दास्तां कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है और सब कुछ पाने के लिए सब कुछ करना पड़ता है पर मैं आज आपको एक ऐसे गांव में ले चलता हूं जहां सब कुछ पाने के लिए केवल 20 साल का होना पड़ता है। लाल टेकरा नाम के इस गांव में जो युवक 20 साल का हो जाता है उसे सब कुछ मिल जाता है पर आश्चर्य की बात यह है कि यह रहस्य गांव का एक बुजुर्ग व्यक्ति ही जानता है जिसका रहन-सहन उठना बैठना और बोलचाल एक पागल की तरह है इसी कारण पूरा गांव इसे पागल समझता है और कोई इसकी बात पर यकीन नहीं करता। आखिर क्या रहस्य है लाल टेकरा गांव का जहां 20 साल के युवक को सब कुछ मिल जाता है और आखिर वह क्या रहस्य है जो केवल इस पागल व्यक्ति को पता है जानने के लिए पढ़ते हैं कामिनी एक अजीब दास्तां। लाल टेकरा गांव प्राकृतिक रूप से बहुत ही सुंदर गांव है जिसके चारों ओर कामिनी नाम की एक ठहरी नदी है और बीच में बसा है यह छोटा सा गांव जिसका वातावरण अत्यधिक पेड़ पौधों के कारण सदैव महकता रहता है गांव में प्रवेश के लिए एक पुल बंधा है जो गांव में प्रवेश करने का एकमात्र मार्ग है। गांव से बाहर पुल के सामने एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है जो इस गांव तक पहुंचने का एकमात्र मार्ग है इस वक्त स्टेशन पर एक ट्रेन रुकी है और उसमें से एक सुंदर आकर्षक युवक बाहर आता है जिसके दोनों हाथों में बैग है फिर ट्रेन से और भी कई लोग उतरते हैं इस युवक का नाम आकाश है जिसकी इसी स्टेशन पर टिकट कलेक्टर पोस्ट पर नियुक्ति हुई है। वहां मौजूद सभी लोग आकाश को बड़े अजीब ढंग से देखते हैं आकाश को भी इन सभी लोगों का रवैया थोड़ा अजीब लगता है पर वह इन लोगों पर बिना ध्यान दिए अपने रेलवे कक्ष में पहुंचता है। जहां स्टेशन का स्टाफ चाय नाश्ता कर रहा है आकाश महा अपना परिचय बता कर अपना नियुक्ति लेटर स्टेशन मास्टर केदारनाथ जी को सोपंता है। स्टेशन मास्टर केदारनाथ बड़े हंसमुख व्यक्ति है वह आकाश को देखकर अपने मिजाज में कहते हैं। "20 साल की उम्र में नौकरी करना अपने आप से बगावत है, लाल टेकरा गांव के इस स्टेशन में आपका स्वागत है, अब आप काटना हर यात्री की टिकट, और हम खेलेंगे स्टेशन पर क्रिकेट,। केदारनाथ की यह बात सुनकर आकाश के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है फिर केदारनाथ स्टाफ के तीन अन्य लोगों से भी आकाश का परिचय करा देते हैं और कहते है