9 दिसम्बर 2020
ताटंक छन्द16,14 की यति अंत 222 सेआरक्षण की बात करे जो, कब तक इसे बढ़ाओगे।जाति पाति का भेद-भाव ये, कब तक तुम दिखलाओगे।। आरक्षण जो रहा देश में, भेद नही मिट पायेंगे।चाहें जितनी कोशिश कर लो, इसमे ही बट जायेंगे।।