एक बच्चे का माता-पिता होना अपने आप में एक बेहद खास अनुभव है। जैसे ही एक औरत गर्भ धारण करती है वैसे ही परवरिश की यात्रा शुरू हो जाती हैं। आपके परिवार में भी आपकी नानी,दादी, मां आदि जैसे कई अनुभवी लोग होंगे जो आपको कदम कदम पर सलाह देते होंगे। काफी हद तक ये सलाहें काम भी आती हैं लेकिन आजकल पारंपरिक सलाहों की जगह मनोवैज्ञानिक सलाहों को ज्यादा महत्व दिया जाने लगा है। ऐसी ही कुछ खास अनुभव द्वारा हमने ये किताब लिखी है। आशा करते हैं कि हर एक उपन्यास आपके एवं आपके बच्चे के सही विकास में मददगार सिद्ध हो ।