नमस्कार! मैं सुचेता अपनी पहली कहानी लिख रही हूँ। यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है। यह कहानी है एक बेटे की जिसे कभी अपनी माँ का प्यार नहीं मिला। कभी कभी हमारी इच्छायें हमे अपनों से दूर कर देती हैं। यही इस कहानी का सार है। आशा करती हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आये।