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कुछ शब्द वीरो के नाम

1 मार्च 2017

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उस वीर गति की लाज बचाने चले है हम सब साथ यही

सर कट जाये गम न होगा, मगर ना झुके ये शीश कभी ||

प्रेम डगर की राह छोड़ दी, पानी है अब वीर गति

देश के खातिर दिल और धडकन कर दू न्योछावर जान अभी ||


हिन्दू मुस्लिम दंगो से अब ना होगा अनाथ कोई

देश के ठेके दरों का आब कर देना है नाश हमे ||


सीमा पर जो देश के खातिर खड़ा है चौकीदार अभी

उस फौजी की कसम हमें है अब ना सहेंगे ज़ुल्म कभी ||


युवा का सन्देश यही है, देश के प्रेमी है सभी

अगर उठी कोई लहर अभी तो बह जाएंगे भ्रुस्ट सभी ||

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कुछ शब्द वीरो के नाम

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उस वीर गति की लाज बचाने चले है हम सब साथ यहीसर कट जाये गम न होगा, मगर ना झुके ये शीश कभी || प्रेम डगर की राह छोड़ दी, पानी है अब वीर गति देश के खातिर दिल और धडकन कर दू न्योछावर जान अभी || हिन्दू मुस्लिम दंगो से अब ना होगा अनाथ कोई देश के ठेके दरों का आब कर देना है न

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