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क्या है खुश रहने का राज़

15 सितम्बर 2015

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एक समय की बात है, एक गाँव में महान ऋषि रहते थे| लोग उनके पास अपनी कठिनाईयां लेकर आते थे और ऋषि उनका मार्गदर्शन करते थे| एक दिन एक व्यक्ति, ऋषि के पास आया और ऋषि से एक प्रश्न पूछा| उसने ऋषि से पूछा कि “ गुरुदेव मैं यह जानना चाहता हुईं कि हमेशा खुश रहने का राज़ क्या है ” ऋषि ने उससे कहा कि तुम मेरे साथ जंगल में चलो, मैं तुम्हे खुश रहने का राज़ बताता हूँ | ऐसा कहकर ऋषि और वह व्यक्ति जंगल की तरफ चलने लगे| रास्ते में ऋषि ने एक बड़ा सा पत्थर उठाया और उस व्यक्ति को कह दिया कि इसे पकड़ो और चलो| उस व्यक्ति ने पत्थर को उठाया और वह ऋषि के साथ साथ जंगल की तरफ चलने लगा| कुछ समय बाद उस व्यक्ति के हाथ में दर्द होने लगा लेकिन वह चुप रहा और चलता रहा| लेकिन जब चलते हुए बहुत समय बीत गया और उस व्यक्ति से दर्द सहा नहीं गया तो उसने ऋषि से कहा कि उसे दर्द हो रहा है| तो ऋषि ने कहा कि इस पत्थर को नीचे रख दो| पत्थर को नीचे रखने पर उस व्यक्ति को बड़ी राहत महसूस हुयी| तभी ऋषि ने कहा – “यही है खुश रहने का राज़” व्यक्ति ने कहा – गुरुवर मैं समझा नहीं| तो ऋषि ने कहा- जिस तरह इस पत्थर को एक मिनट तक हाथ में रखने पर थोडा सा दर्द होता है और अगर इसे एक घंटे तक हाथ में रखें तो थोडा ज्यादा दर्द होता है और अगर इसे और ज्यादा समय तक उठाये रखेंगे तो दर्द बढ़ता जायेगा उसी तरह दुखों के बोझ को जितने ज्यादा समय तक उठाये रखेंगे उतने ही ज्यादा हम दु:खी और निराश रहेंगे| यह हम पर निर्भर करता है कि हम दुखों के बोझ को एक मिनट तक उठाये रखते है या उसे जिंदगी भर| अगर तुम खुश रहना चाहते हो तो दु:ख रुपी पत्थर को जल्दी से जल्दी नीचे रखना सीख लो और हो सके तो उसे उठाओ ही नहीं

संतोष साहू की अन्य किताबें

ओम प्रकाश शर्मा

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प्रेरक प्रसंग !

15 दिसम्बर 2015

संतोष साहू

संतोष साहू

धन्यवाद

15 सितम्बर 2015

अर्चना गंगवार

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प्रेरणा दायक कहानी

15 सितम्बर 2015

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क्या है खुश रहने का राज़

15 सितम्बर 2015
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एक समय की बात है, एक गाँव में महान ऋषि रहते थे| लोग उनके पास अपनी कठिनाईयां लेकर आते थे और ऋषि उनका मार्गदर्शन करते थे| एक दिन एक व्यक्ति, ऋषि के पास आया और ऋषि से एक प्रश्न पूछा| उसने ऋषि से पूछा कि “ गुरुदेव मैं यह जानना चाहता हुईं कि हमेशा खुश रहने का राज़ क्या है ” ऋषि ने उससे कहा कि तुम मेरे साथ

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सफलता का रहस्य

15 सितम्बर 2015
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एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया

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जय श्री गणेशा

17 सितम्बर 2015
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गणेशचतुर्थी पर आपको व् आपके परिवार को इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ |मंगल मूर्ति भगवान श्री गणेश आप सभी के जीवन में अपार खुशियाँ और सफलता लेकर आये.......

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साईं

30 सितम्बर 2015
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हम में से ज्यादात्तर लोगों की समस्या यह नहीं है कि उन्हें अच्छी बातों (Good Thoughts) का ज्ञान नहीं है बल्कि समस्या यह है की उनको अच्छी बातों (Good Thoughts) का ज्ञान होने पर वह उन बातों पर विश्वास नहीं करते|

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साईं

6 अक्टूबर 2015
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जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?Hi friends,यदि  आपसे पूछा जाये कि क्या आपने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर रखे हैं तो आपके सिर्फ दो ही जवाब हो सकते हैं: हाँ या ना .अगर जवाब हाँ है तो ये बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि ज्यादातर लोग तो बिना किसी निश्चित लक्ष्य के ही ज़िन्दगी बिताये जा रहे हैं

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गारंटीड, आपकी सोच को बदल देगी ये सच्ची कहानी।

7 जून 2016
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आप शायद मानें या न मानें, पर हमारे जीवन के छोटे से छोटे कार्य भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि आप जब भी किसी से मिलें, पूरे जोश से मिलें, हमेशा दूसरों की मदद करें और जो काम करें पूरी ईमानदारी से करें। फिर देख‍िए आपके जीवन में कैसे नए-नए रास्ते खुलते चले जाते हैं।

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जिंदगी हमेशा जीना सिखाती है कभी निराश होना नहीं

19 जून 2016
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निराशा के क्षणों को कभी भी जीवन पर हावी न होने दें। बल्कि जीवन के हताशा भरे क्षणों से कुछ सीखने का प्रयास करें। इन लम्हों से उबरकर आगे बढ़ना और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।चाहे कामकाजी जीवन हो, व्यक्तिगत संबंध या फिर स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां, इन सभी कारणों से हमारे जी

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बुलंद हौसले

21 जून 2016
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मुसीबते हमारी ज़िंदगी की एक सच्चाई है। कोई इस बात को समझ लेता है तो कोई पूरी ज़िंदगी इसका रोना रोता है। ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमारा सामना मुसीबतों(problems) से होता है. इसके बिना ज़िंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती।अक्सर हमारे सामने मुसीबते आती है तो तो हम उनके सामने पस्त हो जाते है। उस समय हमे कुछ समझ नही

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ज्ञान

24 जून 2016
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कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा. और जब गहराई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढिए.

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हार्ट टचिंग स्टोरी

25 जून 2016
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मेरी माँ एक छोटी दुकान चलाती है। उससे जो भी कमाई होती हैं उससे हमारा गुजरा चलता हैं, मेरे माँ की एक आँख नहीं होने की वजह से मै उनसे नफरत करता हु। क्योकिं जब भी वो मेरे स्कूल में आती हैं मेरे दोस्त मुझे “तेरी माँ की एक ही आँख है!” कहकर चिड़ाने लगते है।मेरी यही इच्छा थी की मेरी माँ मेरी पर्सनल दुनिया स

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