अर्चना गंगवार
लफ़्ज़ों और रंगो से अपने अहसासों को बिखेर देती हूँ . मैं अर्चना हर बूँद में अक्स अपना देख लेती हूँ ।
panghat
गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कवि
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गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कवि
coldstore
उत्तर प्रदेश में कन्नौज का इत्र और आलू सारे भारत में यात्रा करता है .इसलिए यहाँ आलू का भण्डारण शीत गृह में किया जाता है .किसान बहुत मेहनत से आलू की
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उत्तर प्रदेश में कन्नौज का इत्र और आलू सारे भारत में यात्रा करता है .इसलिए यहाँ आलू का भण्डारण शीत गृह में किया जाता है .किसान बहुत मेहनत से आलू की