मैं हूं आई ए एस कि कहनी बड़ी डिल्चप्स की कैसे पार्वती अपनी मंजिल को कैसे छुलेती हैं। दुनिया वालो के मुंह में ताला लगजाता है। आज का समाय ऐसा होगया की समाज को बदलना बड़ा जरूरी होगया है और यह कहानी समाज को बदलने की प्रेरणा है। आज कल हमारे समाज मैं कोई किसी को खुश नहीं देख सकता क्योंकि लोग हराना नही चाहते जीतना चाहते है।इसी लिए यह कहानी लोगो प्रेरित करेगी ।