मेरा नाम subh है। यह उन दिनों की बात है जब मैं 15 साल का था और ऑटो में बैठकर स्कूल से घर आ रहा था। तभी अचानक मुझे एक आवाज सुनाई दी पीप- पीप मैंने पीछे देखा तो मुझे एक महिला दिखी जो आसमानी रंग की साड़ी पहनी थी और उसके हाथ में एक बच्चा था ।वह दौड़ रही थी। अचानक मुझे फिर वहीं आवाज सुनाई दी पीप -पीप मैंने पीछे देखा तो मुझे दो बाइक दिखी जो उसी महिला की ओर बहुत तेजी से आ रही थी मैंने महिला को बताने की कोशिश की मगर मेरे बताने से पहले ही उसका एक्सीडेंट हो गया और उसके हाथ से बच्चा छूट कर हवा में उड़ गया था और वह गिरने ही वाला था l
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मैं subhmauprya आप सबके लिए अपना पहला नाटक लाया हू जिसका नाम Mauryansh है । यह नाटक पूर्णतः काल्पनिक है। इस नाटक के मुख्य नायक subh और mauryansh हैं। subh एक 15 साल का नवयुवक है और mauryansh 1 साल का छोटा बच्चा है। इस नाटक में subh को मैंने अपने आप को मानकर लिखा है। मेरे इस नाटक में mauryansh की माता की मृत्यु के पश्चात की घटनाओं का वर्णन किया गया है। mauryansh के साथ आगे क्या हुआ होगा ? mauryansh की माताजी की मृत्यु कैसे हुईथी? जानने के लिए इस नाटक को पूरा पढ़े। रोज शाम 7:30 बजे।