मज़लूम लाचार है
मुल्ज़िम के खैरख्वाह हज़ार हैं
बिदके क़ानून वालों की अब ख़बर कौन ले
खड़े कान बंद, खुली नज़र मौन रहे
बहरों को जगा सके वो शोर ना रहा
अाहों में अब वो ज़ोर ना रहा
2 जुलाई 2016
मज़लूम लाचार है
मुल्ज़िम के खैरख्वाह हज़ार हैं
बिदके क़ानून वालों की अब ख़बर कौन ले
खड़े कान बंद, खुली नज़र मौन रहे
बहरों को जगा सके वो शोर ना रहा
अाहों में अब वो ज़ोर ना रहा