पार्ट 1= मेरी डायरी पड़ने बाले लोगों के लिए मेरा तहे दिल से #अस्समुअलैकुम,जय हिंद, प्रणांम,राम-राम-अदाब अर्ज़।
और मुझसे छोटे सभी लोगों के लिए मेरे दिल से प्यार और साथ ही मेरी नसीहतें,
तो चलिए आज से अभी से मैं अपनी जिंदगी के उतार चढ़ाव की बात 100℅
सत्य लिखने की मेरी कोशिश,
लेकिन आप👉 सभी लोगों को मुझसे पूछना होगा,
कि मैं अपनी जिंदगी के उतार चढ़ाव लिखने का मेरा मकसद क्या है,
और क्यों है,
और किसके लिए मैं लिख रहा हूँ,
और क्यों लिख रहा हूँ,
मैं कहाँ का रहने बाला हूँ,
मैं कहाँ और क्यों रहता आया हूँ,
या मैं अभी कहाँ पर क्यों हूँ,
किसके लिए कैसे आया मैं,
रियाज़,
अभी मैं उत्तर प्रदेश के जिला बांदा में हूँ,
और मेरा घर नंगर पंचायत सखानूँ जिला बदायूँ उत्तर प्रदेश में है,
और मेरी माँ अकेली मेरे घर में रहतीं हैं,
मैं हर दिन अपनी माँ को लगभग 300से 350 रूपये हर दिन कई दुकानों से इकट्ठा करबाके
देता हूँ,
बस स्टैंड चौराहे की सभी दुकानों से,
नंगर पंचायत सखानूँ चौराहा,
जहाँ पर मेेरे सतैले भाई ,इलियास अहमद,
बहिनोई, जावेद रज़ा,
बड़ा भांजा, अहराज़,
छोटा भांजा, अरबाब,
इन चारों लोगों ने मुझे मार कर डाल दिया,
सखानूँ बस स्टैंड चौराहे पर,
वह भी सिर्फ इसलिए कि मैं बोलता हूँ,
अपने भाई को गुंडा,
जो सच है, 100℅
और बेईमान है,
मेरा भाई,
तो मैं बेईमान बोलता हूँ,
लिखता हूँ,
सबूत भी दिखा देता हूँ,
दिखा चुका हूँ,
नंगर पंचायत सखानूँ के आदरणीय लोगों को तथा उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन को उत्तर प्रदेश सरकार को सीएम हैल्प लाईन 1076 को,
10/12/2021 समय सुबह 11:42
🇮🇳🙏❤👍 आज से मैं हर दिन अपनी जिंदगी के उतार चढ़ाव लिखने की मेरी कोशिश,
पार्ट= 2
आज मैंने सीएम हैल्प लाईन पर फोन किया दूसरी बार,
कुछ दिन पहले भी मैंने सीएम हैल्प लाईन पर फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी पुलिस के उप निरीक्षक श्री संजय गौड़ SI के खिलाफ मैंने कुछ दिन पहले शिकायत दर्ज करवाई थी सीएम हैल्प लाईन पर,
और फिर आज मैंने फिर हिम्मत करके सीएम हैल्प लाईन पर फोन लगाया और अपनी शिकायत की जानकारी लेने के लिए फोन लगाया,
क्योंकि मुझे बीच चौराहे पर मुर्दा समझ कर भाग गए थे,
मुझे मारने वाले,
इलियास अहमद,
जावेद रज़ा,
अहराज़ रज़ा,
अरबाब रज़ा,
इन लोगों की शिकायत मैंने थाना अलापुर जिला बदायूँ उत्तर प्रदेश में भी की लेकिन नतीजा जीरो,
एसएसपी बदायूॅ नतीजा जीरो,
जन सुनबाई नतीजा जीरो,
पीएम पोर्टल नतीजा जीरो,
सीएम हैल्प लाईन नतीजा जीरो,
मगर मेरी समझ से परे है,
पुलिस प्रशासन का क्या काम है,
सरकार इन अधिकारियों को किस बात की तनख्वाह देती है,
और थाना अलापुर पुलिस की जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए,
1076 पर करोड़ों रूपये खर्च करती है सरकार,
और काम है 1076 का जीरो,
आखिर क्यों,
कब तक,
संजय गौड़ जैसे भरष्ट अधिकारियो पर कब तक कार्यवाही होगी,
जबकि एैसे भरष्ट अधिकारियो को सस्पेंड करने से कुछ नहीं होने बाला,
एैसे भरष्ट अधिकारियो को जेल में डाल देना चाहिए उम्र भर के लिए ,
ताकि मेरे जैसे मज़लूम और मजबूर इंसान की सुनवाई हो सके,
और एक आम नागरिक की सुनवाई भी हो सके,
क्योकि मैं रियाजुल हसन मुझे बीच चौराहे पर चार लोगों ने दिन के साड़े नौ बजे जब समझ लिया कि यह मर गया तब छोड़कर भाग गए चारों लोग,
इलियास अहमद,
जावेद रज़ा,
अहराज़ रज़ा,
अरबाब रज़ा,
लेकिन थाना अलापुर पुलिस प्रशासन पूरा का पूरा भरष्ट है