मिलकर भी हम फिर क्यों जुदा होगये ?
मिलकर भी क्यों, हम फिर जुदा हो गये ?
क्या हुआ ऐसा कि ,तुम मुझसे खफा हो गये ?
शायद उनको आजाये याद हमारी ,
उनके इंतजार मै हो बेकरारी !
फिर से हों दिन उजाला ओर रात
प्यारी !
हमने की क्या बेवफाई ?
,बताएं तो जरा ,
करे दूर ग़लतफ़हमी ,फिर हो खुशगवारी !
दिन रात एक ही ख्याल दिल में
आता है ,
उनका मासूम चेहरा ,
नजर आता है !
दीदार करने को मन तडफ जाता है !
मिलकर भी क्यों, हम फिर जुदा हो गये ?
क्या हुआ ऐसा कि ,तुम मुझसे खफा हो गये ?
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