वक्त - वक्त की बात है
वक्त क्या है !!! घडी, पल, दिनों का लेखा -जोखा है
वक्त !
कभी सोने सा सुनहरा , तो कभी कोयले सा काला है वक्त,
कभी अच्छा तो कभी बुरा है वक्त !
कभी अर्श पर तो कभी फर्श पर लाता है
वक्त.!
कभी खुशिया तो कभी गम में
रुलाता है वक्त . वक्त क्या है !!! .........
दोस्त है नसीबवालों क़ा, तो वैरी है बदनसीब क़ा
पर अपने -पराये की पहचान कराता
है यह वक्त !
कभी सूरज की उजली धूप तो ,कभी अमावस की कली रात , वक्त क्या है !!! .........
कभी सावन की फुहार तो कभी ,जेठ की गर्म बयार.
कभी बच्चे की मधुर हंसी ,तो कभी बॉस की फटकार,
समय की मार से न कोई बच पाया है
आज तक ,
पर जिसने जाना इसे,चढ़ गया आसमा पर,
जिसने इसे जीतने की कुंजी पाली ,उसने बस खुशियों की सौगात
है पाली ! वक्त क्या है !!! .........
वक्त को अपना मित्र बनालो नहीं
तो,!!!!
किसी शायर ऩे सच ही कहा है :-
वक्त ऩे किया क्या हसी सितम ,हम रहे न हम ,तुम रहे न तुम !
-वक्त -वक्त की बात है,कभी खुशियों की बारिश तो कभी गम
की बरसात है ! वक्त
क्या है !!! .........
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