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वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई !!!

3 मई 2016

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वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई  !!!


हे भगवान  अजब तेरी माया ,
कही  खुशियो  की धूप, कही  गमो का साया / छाया
कही दौलत के झगडे ,कही भाषा के रगडे ,
कही छाई  मायूसी , तो कही ,खुशियो का सागर लहराया!!
कही रोटी को तरसते, कही पैसे बरसते.,
जरा तो दिखा दया !!!,वे भी तो तुम्हारी संतान हैं  भगवन !
सभी  दुखी हैं गमो से, और परेशां  हैं तनमन ,
कही ढेरो हैं बच्चे ,दरिद्री मै जीते, लगाना पडाta है मुह पर उन्हे  ताला !!
और कही न कोई नाम लेने / ध्यान देने वाला ,

कही आसमान सूखा  ,कही घटाटोप  छाया !!
सुनलो !! हमारी छोटी सी है गुजारीश ,रहे सब सुखी ,न हो कोई परेशान !!
खुशहाल रहे मेरा देश  हमेशा !!

तभी कहिं अंदर से आवाज यह आयी ,हे मानव यह तो तेरा ही किया धरा है !

कहिं भाषा के झगडे ,कहीं पानी की लडाई ,

कहिं समपती के लिये हत्या, तो कही लूट पाट मचाई !!

अपंने ही हाथो से तूने जिंदगी दुखदाई बनाई ,

फिर क्यों पूछता है ,मुझसे हरजाई ,

अब जब टटोला मन को अपने ,तो गलती अपनी ही समझ मे आई !!

जय –जयकार की प्रभु  की ,ओर मन ही मन  गाने लगा ,

                     वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई  !!!




शिव शंकर कुमार

शिव शंकर कुमार

बहुत अच्छा !

3 मई 2016

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* पुस्तकों का महत्व *

23 सितम्बर 2015
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पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक होता है क्योंकि रत्न तो केवल बाहरी चमक - दमक दिखाते हैं पर पुस्तकें हमारे अन्तःकरण को उज्ज्वल बनाती हैं !

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वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई !!!

3 मई 2016
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वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई !!!हेभगवान  अजब तेरी माया ,कही  खुशियो  की धूप, कही गमो का साया / छाया I कही दौलत के झगडे ,कही भाषा के रगडे ,कही छाई  मायूसी , तो कही ,खुशियोका सागर लहराया!!कही रोटी को तरसते, कही पैसे बरसते.,जरा त

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