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उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में एक परिवार रहता था जिसके मुखिया श्री ओमकार जी थे उनके तीन बेटे थे दूसरे नंबर के बेटे का बड़ा बेटा जिसका नाम हनुमान प्रसाद था आज हम उसकी ही कहानी जानेंगे हनुमान प्रसाद
शिवराम जी जल्दी-जल्दी बिस्तर पर छूट गई पेशाब को साफ करने में लगे थे ताकि बहू-बेटा ना देख लें। कल ही तो बहू यामिनी ने नई चादर बिछाई थी और बेटे सुभाष को सुनाया था कि अगर पापा जी ने फिर से चादर खराब क
मोहित की शादी वर्ष 2017 में हुई थी शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था धीरे-धीरे दोनों की शादी को 2 साल बीत गए | कुछ दिन बाद सुधा की तबियत ख़राब रहने लगी मोहित उसे लगभग हर दूसरे दिन हॉस्पिटल लेकर जाने लगा