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नारी को नारी के संग

27 अक्टूबर 2015

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न तलवार चलानी है न हथियार उठाने है 

नारी को नारी के संग बस चाल मिलानी है


न धरने करने है न अनशन करने है 
नारी को नारी के संग आवाज़ मिलानी है


वो सास जो लडती थी जो बहु जलाती थी
नारी को नारी के संग वो सास हटानी है


कोमल नारी की कोमलता बचानी है 
नारी को नारी की बस पहचान दिलानी है

अर्चना गंगवार

अर्चना गंगवार

चंद्रेश कुमार जी एवं विजय जी बहुत बहुत सुक्र्रिया

28 अक्टूबर 2015

28 अक्टूबर 2015

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

बहुत खूब अर्चना जी |

28 अक्टूबर 2015

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