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हां मैं पत्थर हूँ

27 अक्टूबर 2015

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featured imageहां मैं पत्थर हूँ मेरी ठोकर सिर्फ़ दर्द ही नही देती धीरे से कहती भी है रूको ,देखो , कही तुम ग़लत तो नही जा रहे हो
भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया

4 अप्रैल 2022

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

रचना में बहुत प्रेरक सन्देश छुपा है |अर्चना जी शब्दनगरी को आपकी रचनाओं का सदैव इंतज़ार रहता है । यूं ही उम्दा लिखती रहिये । धन्यवाद |

28 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

अति सुन्दर रचना !

28 अक्टूबर 2015

सुशान्त मिश्र

सुशान्त मिश्र

गागर में सागर

27 अक्टूबर 2015

किताब पढ़िए