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अर्चना गंगवार की डायरी

अर्चना गंगवार

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archana gangwar ke dir

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पुस्तक के भाग

1

आधे कपड़ो में पूरी लड़की.........

30 अक्टूबर 2015
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आधे कपड़ो में पूरी लड़कीजब सडक से गुजरती है तोसड़क से तो गुजर जाती है पर दिलो में ठहर जाती है लेकिन  फिर पूरे  कपड़ो में आधी लड़की सड़क से गुजर नहीं पाती और दरिंदगी से गुज़र जाती है  वो आधी लड़की दुनिया से गुज़र कर भी गुजरती नहीं है ज़र्रे ज़र्रे में ठहरकर सही वक़्त का इंतज़ार करती है और किसी भी रूप में अपना इंत

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दर्द

28 जनवरी 2016
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जब भी कोई दर्द सीने से बाहर आया है .....तुमने कांटो से उसे खूब सहलाया हैमैंने जख्म सुखाने की दावा मांगी थीतुमने जले में नमक छिडकाया है

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दर्द

28 जनवरी 2016
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जब भी कोई दर्द सीने से बाहर आया है .....तुमने कांटो से उसे खूब सहलाया हैमैंने जख्म सुखाने की दावा मांगी थीतुमने जले में नमक छिडकाया है

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