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Nadan

5 मार्च 2022

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अंधकार से भरे जीवन में अभी भी एक कोना दीप्तिमान है,

रोज की उधेड़बुन के बीच अभी भी सुकून की दरकार है ,

कई सपने टूटे पर अभी भी बहुत से सपने उड़ने को बेकरार हैं,

यूं तो इस चंचल मन पर कई चोटों के निशान हैं पर

 अभी भी ये मन नादान है दोबारा उड़ने को तैयार है।

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