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अंधकार से भरे जीवन में अभी भी एक कोना दीप्तिमान है, रोज की उधेड़बुन के बीच अभी भी सुकून की दरकार है , कई सपने टूटे पर अभी भी बहुत से सपने उड़ने को बेकरार हैं, यूं तो इस चंचल मन पर कई चोटों के निशान